वर्क फ्रॉम होम में अंग्रेजी सीखना सहायक (पूरा लेख पढ़ें)
आप सोचते हैं की अंग्रेजी सीखने में तथा उसमे पारंगत होने से फायदा नहीं हैं ,तो एक बार यह कुछ लाइने अवश्य पढ़ लीजिए ।
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आप एक नयी भाषा ही नहीं, एक कला भी सीख रहे हैं|
२- अपने रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़ा समय निकालकर ,आपने इसे सीखने में समय दिया तो आप फिर से पढाई के क्षेत्र में आ जाएंगे,अंग्रेजी का ज्ञान आपको जीवन भर कैसे लाभान्वित करता है ,आइये देखते हैं|
३- अंग्रेजी सीखकर आप विश्व के लगभग चार सौ करोड़ लोग से जुड़ जायेंगे इससे आपके रोजगार मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है|अंगरेजी का अच्छा ज्ञान होने पर ऑफिस के काम में परेशानी नहीं होगी |
4- अंग्रेजी में पारंगत होने पर आप अपने मनचाहे कोर्स में प्रवेश पाकर अपने लिए उद्यम के द्वार खोल सकते हैं|
5- अंग्रेजी या अन्य विषय सीखने के लिए बेहद मनोरंजक आसान व आकर्षक चित्रों से भरपूर किताबें,अंग्रेजी भाषा में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं | आप रोजगार संभावना तथा रोजगार की जानकारी किताबों,मैगजीन व अंग्रेजी अखबारों से ले सकते हो, अगर आपके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं ,तो उन्हें सिखाया भी जा सकते है |
6- आज कल बहुत सारे ऐसे नये कोर्स तथा काम हैं ,जो आप घर बैठे किताबों व इंटरनेट से सीख सकते हैं ,नये कोर्स सीखने से आपको नौकरी मिलने में सुविधा होगी |
7- इंटरनेट की मुख्य भाषा तो इंग्लिश है, इसमें पारंगत होकर आप अपने सहूलियत से मनचाही जानकारी पूरे विश्वभर से ले सकते हो|
8- इंटरनेट में भी बहुत से काम होते है, आप हिंदी से इंग्लिश और इंग्लिश से हिंदी, ट्रांसलेशन कर सकते हो , लेख लिख सकते हो | कंटेंट राइटिंग, ऑनलाइन व्यापार , तथा शिक्षा भी दे सकते हो| आज दुनियां में बहुत सारे लोग, इंटरनेट का अनेक तरह से इस्तेमाल कर घर बैठे अच्छी आमदनी कर रहे है|
9- अंग्रेजी किताबों व खबरों द्वारा देश, दुनिया में होने वाले किस्से व ताजा घटनाओं से लाभान्वित हो सकते हो, अगर जॉब करते हो तब आपको अपने कार्य से सबंधित नयी जानकारी मिलने में आसानी होती है|अगर गहराई में रीडिंग की आदत है तो अवश्य फायदा मिलेगा|
10- अच्छी अंग्रेजी बोलने वालों को होटल, कॉल सेटर, टूरिज्म , तथा आवभगत उद्योंगो में, नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती हैं|आज छोटे शहरों, गॉंवो, कस्बों में अंग्रेजी सीखने के लिए मर्यादित सुविधाएं हैं,
जिससे वहां के विद्यार्थी अंग्रेजी में निपुण नहीं बन पाते | वहां पर अंग्रेजी कोचिंग सेण्टर खोलकर स्वरोजगार कर सकते हैं |
हिंदी सीखने के असीम फायदे
हिंदी भारत की मुख्य भाषाओं में से एक है ,करोडो लोग इसे पढ़ते हैं,बोलते हैं । उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार,मुंबई, दिल्ली, पुणे, देहरादून,जयपुर,अन्य महानगरों व प्रदेशों में यह आमतौर पर बोली जाती है। अंग्रेजी के बढ़ते चलन से कुछ दशकों से इसका प्रभाव कम होता दिखाई दे रहा है,हालाँकि सच यह है की हिंदी की जरुरत न सिर्फ भारत को वरन विश्व को भी है। अंग्रेजी की कठिनाइयों व विशाल शब्दावली से वाकिफ करने के लिए एक उदाहरण। ही इज ऐ ग्रीनहौन ”, ही इज ऐ न्यूबी” , इज ऐ न्यूकमर , इन सारे वाक्यों में व्यक्ति नया है यह बताने के लिए अलग-अलग शब्द का इस्तेमाल किया गया है । हिंदी में इस शब्द के एकाध पर्याय है , जैसे नौसिखया । अंग्रेजी में दुःख के लिए सेड ,अनहैप्पी ,सॉरो, एग्रीव्ड,ग्लूमी , इतने शब्दों का प्रयोग करना सामान्य है । इन उदाहरणों से अंग्रेजी की विविधता तथा विशालता का अंदाज़ा हो गया होगा हिंदी में सीखना उन विद्यार्थियों के लिए एक सरल उपक्रम है जिनकी यह मातृभाषा है । जो विद्यार्थी दूसरी प्रादेशिक बोली सीखते हैं, उनके लिए भी हिंदी का ज्ञान अत्यंत लाभदायक है । हम हिंदी के किताबों से भारत की विरासत ,भूगोलीय स्थिति ,प्राचीन इतिहास, वनस्पति, फल, पौधे तथा किसानी,की विस्तृत जानकारी ले सकते हैं, यह बेहद हर्ष की बात है की हजारों सालों का ज्ञान हिंदी की अनेक पुस्तकों में अंकित हो चूका है फिर चाहे वह वेदों का ही ज्ञान क्यों न हो ।भारत में काम करने के लिए भारत के इतिहास, संस्कृति, प्रादेशिक जीवन शैली की जानकारी आज हिंदी के किताबों द्वारा हासिल की जा सकती यह स्वरोजगार/व्यापार के लिए अत्यंत लाभदायक है। हिंदी में अनेक पौराणिक कथाएं,लोक कथाएं हैं जिन्हें पढ़ने से आत्मीयज्ञान व प्रदेश के संस्कृतियों की झांकी मिलती है , बेहद रुचिकर किताबों से विज्ञान, इतिहास, भूगोल व अन्य कौशल हम आसानी से सीख सकतें हैं । 21वीं सदी में हिंदी की किताबें अब अंग्रेजी पुस्तकों के समकक्ष आ चुकी है, कुछ एक विषयों को छोड़ दें, तो लगभग सभी विषयों में हिंदी किताबों से हर प्रकार की जानकारी मिलती है। आज अंग्रेजी कक्षा के छात्र अंग्रेजी सीखते हैं ,लेकिन हिंदी का ज्ञान अधूरा रहता है , वे हिंदी किताबें पढ़ने की आदत न बन पाने से, भारत के अनेक रहस्यों व उपयोगी बातों से वंचित हो जाते हैं। इस वजह से भारत में नौकरी/स्वरोजगार पाने में असमर्थ रहते हैं । जहाँ लगभग 50 -60 फीसदी आबादी हिंदी में व्यवहार करती है ,उस भाषा में महारत न हासिल होने से भारत में तरक्की के रास्ते भी सीमित हो जातें हैं ।
आजकल अनेक माबाप अपने बच्चों के अभद्र व आक्रामक बोल और व्यवहार से परेशान हैं । हिंदी भाषा में सीखने से बच्चे संस्कार ,विनम्रता व सम्मानजनक व्यवहार के गुण नैसर्गिक तरीके से सीख सकते है । हम हिंदी में नमस्ते करते हैं यह बच्चों में स्वाभाविक तरीके से बड़ों को सम्मान करना सीखाता है। अंग्रेजी में ”आप” शब्द का इस्तेमाल ही नहीं दिखता, अंग्रेजी के कई रेप गानों में आक्रामक स्वर व कड़वे बोल होते हैं ।अंगेजी माध्यम में बच्चों से कहा जाता है अंग्रेजी में सोचों ,हास्य के नाम पर फूहड़ता पेश किया जाता है । इसके विपरीत प्रेमचंद के उपन्यासों में मानवीय संवेदना व जमीन से जुड़े किस्से कहानियां पढ़कर मानवता व करुणा के भाव का संचार होता है । शास्त्रीय संगीत व विशुद्ध भारतीय वादन मन को सुकून देते हैं । हिंदी में हास्य रास कविताओं का अपना आनद है ,जो अतुलनीय है। ऐसी अनेक बातें है जिसमे हिंदी अंग्रेजी से बीस है । जरूरत है हिंदी में शिक्षा को बढ़ावा देने की ,पठन पाठन के बढ़िया सामग्री तैयार करने की ।
कोरोना काल में काढ़े का महत्त्व कौन भूल सकता है’। कृषि पदार्थ उगाना व छोटे बीमारियों के लिए घरेलू आयुर्वेदिक उपचार करना ,इन बातों की भी जानकारी आज हिंदी के विविध किताबों में हमें मिलती हैं ।आज भारतीय परम्पराओं का विदेशों में भी चलन बढ़ रहा है , योग, आयुर्वेद, भारतीय खान पान पद्धति पसंद की जाने लगी है । भारतीय जीवनशैली जिसमे शाकाहार , योग ,पंचकर्म है ,वहाँ पर भी प्रचार व प्रसार करने की हमें जरूरत है ।आज विश्व में शांति, सदभावना, आत्मीय ज्ञान सरल व जैविक जीवन की जानकारी फैलाने के लिए हिंदी पुस्तकों का पठन पाठन व प्रचलन करना जरुरी हो गया है।
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