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 एकता तथा अखंडता का प्रतीक हमारी सेना तथा सुरक्षाबल

 एकता तथा अखंडता का प्रतीक हमारी सेना तथा सुरक्षाबल

भारतीय सेना तथा सुरक्षाबल

भारतीय सेना तथा सुरक्षाबल दुनियां की सबसे ज्यादा अनुशासित तथा पेशेवर सेनाओं में से एक है। हमारे सुरक्षा बल  CRPF , BSF , ITBP , साथ ही पुलिस फ़ोर्स देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बेहतरीन काम करती है । भारतीय सेना युद्ध कौशल के लिए साथ-साथ मानवीय व्यवहार में भी अग्रणी है। यूनाइटेड नेशंस(UN ) की शांति सेना दुनियां भर में शांति कार्यों के लिए काम करती है ,भारतीय सेना तथा सुरक्षाबल देश के लिए यह गौरव की बात है के इस कार्य हेतु भारतीय सेना को बुलाया जाता है। सेना के अफसर व जवान गृह युद्ध व आंतरिक लड़ाई से ग्रस्त देशों में शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाते हैं । भारतीय सेना ने युद्ध भूमि पर दुश्मनों को हमेशा मुहतोड़ जवाब दिया है तथा हमारे सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों तथा नक्सलवादियों से लोहा लेकर देशवासियों को सुरक्षित रखने का महत्वपूर्ण काम किया है ,ऐसे क्या गुण हैं, जो उन्हें देश के लिए कुर्बानी देने और उत्तम कार्य के लिए प्रेरित करते है ? क्या वह उनकी ट्रेनिंग है? ,क्या देश प्रेम है? ,क्या नेतृत्व ?” जरूर ,यह तीनो ही उन्हें महामानव बनाते हैं। देशसेवा के लिए वे हमेशा तत्पर रहते हैं , इस कारण हम आम जनता चैन की नींद सोते हैं । भारतीय सेना तथा सुरक्षाबल में हमारे सैनिकों व अफसरों को बेहतरीन ट्रेनिंग मिलती है वहां उनके खेलों में भाग लेने के लिए अनेक साधन मौजूद हैं, नियमित रूप से व्यायाम करके वे अपने अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखते हैं, खेलों में प्रशिक्षण पाकर कई सैनिकों ने देश को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में गौरान्वित किया है। दुनिया में सबसे ऊंचे युद्ध स्थल ‘सियाचिन’ पर हमारी सेना साल में 12 महीने बेहद ठण्ड व बर्फीली हवाओं का सामना करते हुए मुस्तैदी से पहरा देती है और हमारी रक्षा करती है । महिलाएं भी हमारी सेना का अभिन्न अंग है ,साहसिक कार्यों व देश सेवा में वे भी पीछे नहीं हैं ।  भारतीय नौसेना के छः महिला नाविक अफसरों ने ”INSV तारिणी” नामक पालनौका में २५४ दिनों में विश्व की समुद्री परिक्रमा(2018 में)कर इतिहास रच दिया, इस ऐतिहासिक अभियान में उन्हें अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ा ,कई बार तूफानी लहर व तेज हवाओं से वे घिर जाते व मौत के मुँह में जाने का खतरा बन जाता ,अपनी हिम्मत व मिली हुए ट्रेनिंग के कारण एक छोटी नौका में अतः सागर को पार करने में वे सफल हुईं और देश वासियों को निडर बनने के लिए एक मिसाल कायम की ।

हमारी पुलिस फ़ोर्स भी बढ़ते हुए समय के साथ आधुनिक हो रही है तथा बुराइयों से लड़ने के लिए तत्पर है। सेना में देश के सभी धर्मों व जाति-पाति के लोग कार्यरत हैं तथा आपसी भाईचारा से एक दूसरे को जरुरत के वक्त सहयोग देते हैं। क्या यही भावना देशवासियों में भी नहीं होनी चाहिए ?सशस्त्रबलों में देश सेवा और देश सुरक्षा सर्वोपरी हैं, मुसीबत आने पर देश के लिए वे अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं , कितनी भी कठिन परीक्षा हो जैसे –दुर्गम स्थान, मौसम की चुनौती तथा मुठभेड़ की स्तिथी , हमारे सुरक्षाबल बिना हिचकिचाय, अपने आप को देश सेवा के प्रति समर्पित करते हैं । देशवासियों को इनकी कुर्बानी का एहसास आज हो रहा है, क्योंकि देश की सुरक्षा करते हुए  हर साल हमारे बहुत से सैनिक व सुरक्षा बल के जवान शहीद हो रहे हैं । सुभाष चंद्र बोस ने कहा था ” तुम मुझे खून दो में तुम्हें आजादी दूंगा” आज हमारे सुरक्षा बल हमें आजाद तथा सुरक्षित रखने के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं। युद्ध के शहीदों को अगर सच्ची श्रद्धांजली देनी है तो उन्ही के चले हुए मार्ग पर दृढ़ता से चलना होगा जिसमे “सच्चाई ,सेवा ,और कर्त्तव्य भावना है” ,मात्र फेसबुक ,ट्विटर पर पोस्ट शेयर करने से या दुश्मन के पुतले जलाकर कोसने से कुछ नहीं होगा । देश की सेवा करके एक वक्त ऐसा भी आता है की उन्हें अवकाश लेना पड़ता है, देश की सुरक्षा की लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व अर्पण किया वे आम जनमानस के साथ मिलकर अपना जीवन यापन करते हैं, इन वीरों की ज्ञानशक्ति, तर्जुबा तथा कार्य प्रणाली से सीखने की जरुरत हर देशवासी को है, विशेषकर स्कूल व कॉलेज के बच्चे “अनुशासित जीवन व कर्त्तव्य भावना” के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। आज यह समय की मांग है कि देश के सेवानिवृत  सैनिकों तथा अफसरों के “अनुभव व मार्गदर्शन” से देशवासियों को विशेषकर छात्रों को लाभ मिले ।

 

पाठ्यक्रम के आलावा दूसरी किताबें क्यों नहीं पढ़ा जा रहा है।