जीवन में कुछ बुनियादी कौशल तो हर आदमी को सीखना ही चाहिए। सच बोलना, ईमानदारी से व्यवहार करना, जवाबदेही होना, कानून का पालन करना,पर इनके अलावा भी कुछ महत्वपूर्ण जीवन कौशल हैं, जो बच्चों से लेकर बड़ो को सीखना चाहिए। हर कौशल को सीखने में वक्त लगता है, इंसान कोई मशीन या कंप्यूटर नहीं है, कि चाबी भरने से सब कुछ सीख जायेगा। कौशल सीखने के लिए समय निकालना तथा उनका निरंतर अभ्यास करना भी जरूरी है। जैसे एक यात्रा में अनेक पड़ाव आते हैं ,और हमें रूककर सहारे से आगे बढ़ने की जरुरत पड़ती है इसी तरह जीवन में भी अनेक स्थानों पर नये- नये कौशल सीखकर आगे बढ़ने की जरुरत पड़ती है, ऐसा न करने पर हम एक ही जगह ठहर सकते हैं,वैसे जीवन की यात्रा को उसकी सम्पूर्णता में देखी जानी चाहिए , मात्र एक दो पड़ावों में पिछड़ जाने से कोई असफल नहीं हो जाता ।
रीडिंग की आदत बनना एक अहम् जीवन कौशल है । आज के समय में निरंतर ज्ञान बढ़ाने की जरुरत तो है ही, जीवन में हुए घटनाओं से सीख लेना ,उनका विश्लेषण करना, भी समय-समय पर जरुरी है। रीडिंग की आदत हमें अपने साथ वक्त गुजारने का मौका देती है।अच्छी ज्ञानवर्धक मनोरंजन से भरपूर किताबें ,आज आसानी से उपलब्ध हैं तो इसका लाभ जरूर लेना चाहिये
इसी सिलसिले में लिखने की आदत भी एक आवश्यक है, इसकी शुरुआत हम रोजमर्रा की बातें लिखकर कर सकते हैं, इससे हमें सोच विचार का समय भी मिलता है, जीवन में एक ही गलती बार-बार दोहराने का खतरा इससे कम हो जाता है । डायरी बनाना, एक बेहद सुकून भरा कार्य है, लिखते हुए हमें बीती हुई बातों पर सोचने का मौका मिलता है ।
खेलकूद हमारे जीवन में आवश्यक है । आज महामारी के दौर में बीमारी प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाना, अति आवश्यक हो गया है। खेलने से शरीर मजबूत बनता है,पसीना निकलने से शरीर की गंदगियां भी बाहर निकल जाती है ।
खेल प्राकृतिक रूप से अनुशासन व कर्मठता सिखाता है। सार्वजनिक जीवन में भी हम ,शायद ही कोई ऐसा खिलाड़ी देखते हैं जो भ्रष्ट है, बेईमान है या महिलाओं से अभद्र व्यवहार करता हो। खेलों में भाग लेने से तन-मन में स्फूर्ती भर जाती है,तथा मानसिक तनाव कम होता है, अगर हम तैराकी खेल की बात करें तो यह हर एक इंसान के लिए काफी आवश्यक है। हर साल भारत में बहुत बड़ी तादात में लोग पानी में डूब जाते हैं। बच्चों के भी डूबने की खबर हमें झकझोर कर देती है, जरुरी है हर माँ बाप समय रहते यह जीवन आवश्यक कौशल अपने बच्चों को सिखाएं ताकि डूबने से अकारण मौत न हो।
गांव तथा दुर्गम इलाकों में बच्चों को चोट लग जाती है, कभी किसी को साँप या कीट काट लेता है,इसलिए प्रारंभिक चिकित्सा (फर्स्ट एड ) सीखना भी एक आवश्यक जीवन कौशल है। ह्रदय गति बंद हो जाने पर कृत्रिम तरीके से सांस देना,यह इसका एक महत्वपूर्ण पाठ है।
टाइपिंग सीखना भी एक आवश्यक जीवन कौशल है, कई विद्यार्थी कॉलेज के समय तक टाइपिंग नहीं सीख पाते, इससे आगे चलकर ऑफिस में कंप्यूटर पर हिंदी /अंग्रेजी में तेजी से काम करने में दिक्कत होती है, जरूरी है स्कूली काल से ही टाइपिंग के कौशल सीख लें। विद्यार्थी को संतुलित आहार लेने के बारे में स्कूल में बताया जाता है पर वे इसमें सतर्कता नहीं बरतते हैं, ख़राब तरीके से खान-पान करके सेहत ख़राब कर लेते हैं,अच्छा स्वास्थ्य जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है । पौष्टिक आहार लेना व स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए जागरूक रहना भी आवश्यक जीवन कौशल है। समय रहते किसी छंद/हॉबी में दिलचस्पी लेना व उसे निर्माण करना जैसे कोई आर्गन (वाद्ययंत्र) सीखना,बागवानी, नृत्य कला ,सिलाई इत्यादि भी आवश्यक है, इसमें रूचि लेने से अत्यधिक मोबाइल का इस्तेमाल ,अश्लीलता तथा अन्य व्यसनों से दूर रहा जा सकता है।
संवाद कला भी एक आवश्यक जीवन कौशल है, यह हमें हर वक्त इस्तेमाल भी करना चाहिए । अच्छे व प्रभावी ढंग से किये गए संवाद से जीवन में फायदे ही फायदे मिलते हैं। बताये हुए जीवन कौशल में से अनेक तो हम कॉलेज की पढाई पूरी करने तक सीख सकते हैं पर दूसरे कौशल को जीवन में समय निकालकर सीखा जा सकता है, किताबें कौशल सीखने व उनकी जानकारी देने में बेहद मदद करती हैं।
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