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फुर्सत के पलों में करें स्वस्थ मनोरंजन "घर बैठे"

फुर्सत के पलों में करें स्वस्थ मनोरंजन “घर बैठे” । जीवन में ऐसे भी मौके आते हैं जब चाहे ,अनचाहे हमारे पास वक्त होता है ,लेकिन हम इधर उधर के कामों में उसे गवां  देते हैं , इस तरह कुछ बेहतर या सुकून देने वाले कार्य करने से चूक जाते हैं । इन कार्यो को करने के लिए इनका अभ्यास तथा आदत बनाना भी जरूरी है। हमें घर पर स्वस्थ तरीके से मनोरंजन करने के बारे में पता ही नहीं होता । प्राकृतिक ढंग से अपना मनोरंजन करना सीखकर,हम अपने खाली समय का सदुपयोग कर सकते हैं । 

बच्चे मोबाइल ,टीवी के अत्याधिक प्रयोग करके ,इसके आदि बन जाते हैं , इससे उनके विचारों व् प्रवृति में परिवर्तन आ जाता है । कई माँ बाप इससे बेहद दुखी रहते हैं ।

आइये कुछ ऐसे स्वस्थ मनोरंजन के साधनों को देखते हैं जो हम घर बैठे कर सकते हैं ,”चाहे बूढें हों या जवान”।

रीडिंग
खाली वक्त में इससे बेहतर कोई स्वस्थ मनोरंजन नहीं है ,अगर किताबें पढ़ने की आदत हो तो हम किसी भी समय व परिस्तिथि में अपना मनोरंजन या टाइमपास कर सकते हैं । नेहरूजी ने जेल में रहकर विश्व की तीन बेहतरीन किताबें लिखी “डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया”,”ग्लिम्प्सेस ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री ,”एन ऑटोबायोग्राफी ” । सोचिये , जेल जैसे जगह में भी उन्होंने अपने पढ़ने की ताकत का इस्तेमाल  करके उस द्वारा एकत्रित ज्ञान से देश व दुनिया को लाभान्वित हुई ।  कोई भी व्यक्ति किताबें पढ़ने की आदत डालकर ज्ञान हासिल कर सकता हैं व भाषा पर पकड़ भी बढ़ा सकता है   ,सिर्फ जरूरत है किताबों की ।

इस आदत को बढ़ाने के लिए समय समय पर विविध किताबें जमा करनी है व एक छोटी सी लाइब्रेरी बनानी है । मनपसंद किताबें पढ़ना ,अपने दोस्तों को किताबें देना और दोस्तों के साथ उसपर चर्चा करना ,यह समय बिताने के लिए एक अच्छा व् स्वस्थ तरीका और इससे हमारी जानकारी भी बढ़ती है ।
किताबें जमा कर उसे बाटना तथा जरुरतमन्दों का ज्ञान बढ़ाना , यह भी एक समाजिक तथा सेवा का कार्य है . .
चैस/शतरंज  बेहतरीन खेल है ।

इसका आविष्कार  भारत में हुआ था ।पहले यह एक शाही खेल माना जाता था ।
लेकिन आज यह जनमानस का खेल है तथा काफी लोग इसे खेलते हैं ,इसे सीखना भी आसान है .इसकी विधि आपको नेट पर मिल जाएगी ।चैस खेलना हमारे दिमाग के लिए एक अच्छी कसरत भी हैं ।इस खेल को अपने खाली समय में खेलकर हम आनंद तथा संतुष्टि पा सकते हैं ,इसमें जब हम विरोधी को हराने के लिए योजना बनाते हैं और उसमे सफल होते हैं तब एक असीम ख़ुशी का एहसास होता है ,सामने वाला भी जब आपके चाल में फसकर हार मानता है तो ,उसमे भी एक आदर भावना होती हैधैर्य एक ऐसा गुण है जो हमें सफल होने में बेहद मददगार है ,यह गुण भी हम चैस खेलने की आदत बनाकर सीख सकते हैं ।कई भारतीय खिलाडी इस खेल में काफी जाने माने है । विश्वनाथन आनंद ,कोनेरू हम्पी ने कई बार बड़े प्रतियोगिता जीतकर देश को गौरान्वित किया है ,अपनी दिमागी ताकत  बढ़ाने के लिए इससे बेहतर कोई खेल नहीं है ।
कैरम
आज के युग में चार लोग इकट्ठे हो जाए और शांत रहे तो बड़ी बात है ।उससे भी बड़ी बात है की चार लोग आपस में मिल जूल कर आनंद मनाए,वह भी बेहद कम खर्च में ,अगर आप इसका जीवंत उदाहरण देखना चाहते हो तो अपने दोस्तों के साथ कैरम खेलकर देखिये । कुछ समय तो इसे सीखने में तथा पारंगत होने में लगेगा ही ,लेकिन उसके बाद आपको यह खेल खाली वक्त बिताने में बेहद मदद करेगा, दोस्तों तथा परिवार के साथ इकट्ठे बैठने का मार्ग भी खोल देगा । यह आपका कौशल भी विकसित करेगा तथा इसके नियम सीखकर आपको अनुशासन तथा खेल की तैयारी कैसे की जाती है यह भी मालूम होगा । परस्पर सहयोग तथा कार्य कुशलता से “मैदान कैसे मारा जाता है” यह प्राकृतिक रूप से सीखने के लिए मिलेगा । कैरमबोर्ड खेलने में माहिर बनकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए ,जो वाह वाही और सम्मान पाएंगे वह भी निराली है

विशेष बात

कई बच्चों का स्वभाव अलग होता हैं और नियमों का पालन करने में आनाकानी करते हैं । केरम खेल,अनुशासन के गुण प्राकर्तिक तरीके से सीखाता है । केरम खेल में अनेक नियम है और इसका अभ्यास करते करते , खिलाड़ी नियमों का पालन करना भी सीख जाता है और वह भी खेल खेल में । पालकों को इस खेल में उनके साथ सहभागी होना चाहिए और कम उम्र से ही इसे खेलने के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए ।

लिखने की आदत, खाना बनाना, बागबानी

लिखने की आदत
अगर अपने खाली वक्त का सदुपयोग करना चाहते हैं, तो लिखने की आदत डालिये ।आप रोजाना अपनी डायरी लिखने से शुरुआत कर सकते हो ,यह आदत  जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें जीवन घटनाओं को याद रखने व विश्लेषण करने में मदद करता है।पुराने जमाने में वैज्ञानिक,दार्शनिक तथा लेखक नियमित रूप से डायरी लिखकर अपना अनुभव बांटते थे । अगली पीढ़ी के लोगों को उनका अधूरा रहा हुआ काम पूरा करने का अवसर मिलता था । लेखन से  विचार प्रकट करके , हम अपनी मन की व्यथा या आनंद का इजहार कर सकते हैं, बिना किसी को मालूम हुए  । लेखन कार्य से भाषा ज्ञान भी मजबूत होता है । लेखन कार्य में पारंगत होने के अनेक फायदे भी जीवन में ले सकते हैं ,आज के ज़माने में ( कंटेंट राइटिंग ) यह कार्य ,घर  से  आमदनी का एक अच्छा स्त्रोत है । आजकल इतिहास पे आधारित काफी फिल्मे बन रही है , अगर आपकी इतिहास की जानकारी अच्छी है ,तो आप कहानियां लिखकर इसका फ़ायदा  ले सकते हैं । लेखन कार्य के तो अनेक फायदे है ,किताबें लिखकर भी अच्छे कमाई हो सकती है । “ तारक मेहता का उल्टा चश्मा ” तथा “३ इडियट्स” फिल्म किताबों पर आधारित है, इन दोनों ने कामयाबी के मामले में भारतीय फिल्म उद्योग में इतिहास रच दिया ,  तो देर किस बात की उठाइये अपना पेन व लिखये अपने विचार ।

खाना बनाना
यह कला सिर्फ गृहिणियों तक आज सीमित नहीं है, बच्चे व पुरुष भी इसे सीखकर जीवन में लाभ ले रहें हैं ,खाना बनाना खाली वक्त में मनोरंजन व समय बिताने का साधन भी बन सकता है। हम खाना बनाना सीख ले तो मुश्किल घड़ी में किसी पर निर्भर भी नहीं रहेंगे ।एक, एक कर के दाल, चावल ,रोटी ,सब्जी व नाश्ता बनाना सीख जाएँ ,तो अपने लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था खुद ही कर सकते हैं ,यह भी याद रखना है की अकेले रहने पर खाना बनाने की कला बहुत काम आ सकती है और खर्चे को भी बचाती  है ,इसलिए समय रहते यह कला आ जाए तो जीवन भर इसका सुख हमें ही मिलेगा, यह कला सीखने के लिए हम मार्गदर्शन घर से या नेट से ले सकते हैं ।खाना बनाना  एक व्यवसाय भी है और इसमें अच्छी आमदनी है ,जब इतने सारे फायदे हैं तो घडी मत देखिये और जल्दी ही अपना मनपसंद व्यंजन बनाकर घरवालों को भी स्वाद लेने के लिए आमंत्रित करें।

बागबानी
यह कार्य सचमुच बेहद सुखों भरा हैं  तथा हमें घर से ही प्रकृति के साथ जुड़ने का मौक़ा देता है । हम  साग ,सब्जी उगाकर जैविक खाना खा सकते हैं साथ ही अपने खाली समय का अच्छा इस्तेमाल कर सकते हैं । अनेक फूल जैसे गुलाब,गेंदा ,मोगरा,सूरजमुखी अपने आंगन में लगाकर अपने आसपास का दृश्य मनोरम भी बना सकते है । भिन्डी, करेला,मिर्च,टमाटर ,बैगन, उगाकर अनेक व्यंजनों का स्वाद चख सकते हैं ,अपने द्वारा उगाये हुए साग,सब्जी का स्वाद लेना भी एक अलग अनुभूति है ।आजकल लोगों में जैविक उत्पादों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है ,तो इसमें व्यवसाय के भी अच्छे मौके हैं,अपने वातावरण तथा मिटटी अनुसार बागबानी कर सकते है । किताबों से इस बाबत जानकारी हासिल करें ।  बागबानी तथा खेती सीखने के लिए अच्छी किताबें मार्किट में सस्ते दामों पर उपलब्ध है। घर पर ही कुदरत के साथ जुड़ना ओर सुकून लेने का इससे बढ़िया कोई तरीका नहीं है ।
कुछ और खेल व कार्य जो हम घर पर कर सकते हैं “क्रॉसवर्ड” यह शब्द बनाने का खेल बच्चों ,बड़ों  के लिए समय बिताने व शब्द ज्ञान बढ़ाने का अच्छा जरिया बन सकता है । यह खेल महंगा भी नहीं है,घर बैठे ही हम आराम से इसे अपने बच्चों के साथ या दोस्तों के साथ मिलकर खेल सकते है और प्रतियोगिता करके आनंद पा सकते हैं ,। “पेंटिंग” करना खाली वक्त बिताने का  बेहतरीन तरीका है , कोई भी इसे सीख सकता है,जरूरत समय देने की ।आज इसे बेहतर तरीके से करने के लिए कई किताबें भी मौजूद हैं ।