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रीडिंग की आदत न होने से जिंदगी में कैसे प्रभाव पड़ता है|

हम जिंदगी के बहुत से पहलुओं को जानने से रह जाते हैं | 

भारत में  हजारों लोग हर साल अपने जीवन में आयी हुई निराशा के कारण, ठग तथा फर्जी बाबाओं की सलाह लेते हैं और बेवकूफ बनते हैं, अज्ञानता तथा जागरूकता की कमी के कारण बार-बार हर शहर व प्रदेश में , लोग इनका शिकार बनते जा रहे हैं|

आज के जमाने में जानकारी लेना व अपने आप को योग्य बनाना आसान हैं, बहुत सारी किताबें है, जो हमें रास्ता बता सकती हैं, कोई भी व्यक्ति जो पढ़ा-लिखा  है , वह अख़बारों व किताबों से अपने लिए बेहतर काम व व्यवसाय की जानकारी ले सकता है| पढ़ने की आदत होने से आप घर बैठे ही ,अपने आप हुनर भी सीख सकते हैं| माँ बाप अपने बच्चों के भविष्य व शिक्षा के प्रति चिंतित रहते हैं | रीडिंग की आदत से इस सम्बन्ध में उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है| शिक्षा में आये बदलावों को समझने के साथ-साथ ,अपने बच्चों को मार्गदर्शन देने में ,इससे सहायता मिलती है| बच्चें भी खाली समय में रीडिंग की आदत से अनेक किताबें पढ़कर अपना स्वस्थ मनोरंजन कर सकते तथा ज्ञान बढ़ा सकते हैं |

बहुत सारी चीजें  हमें  स्कूल व कॉलेज नहीं सीख पाते ,जैसे की  सुरक्षित रहने की कला, यौन शिक्षा, किताबों द्वारा हम अपने सुविधानुसार इनकी जानकारी ले सकते हैं |पढ़ने से अपने मन में उत्पन्न होने वाली जिज्ञासाओ, का हमें काफी हद तक समाधान /उत्तर मिल सकता हैं, किसी भी नये तथा कठिन कार्य को करने के लिए आत्मविश्वास जरूरी हैं , जब महान पुरुषों द्वारा कठिनाइयों , को पार करने की यात्रा को हम पढ़ते है, तब लक्ष्य हासिल करने के लिए जिन गुणों की आवश्यकता हैं,उसका हमें पता चलता है , ऐसे महान व्यक्तियों की जीवनियों को बार-बार पढ़कर हम अपने आप को आत्म विश्वास से भर सकते हैं |

किताबें या इंटरनेट कौन बेहतर

हर बात यूट्यूब व इंटरनेट की भी पूरी सही नहीं होती | वीडियो से हर व्यक्ति/विद्यार्थी के लिए पढाई करना भी संभव नहीं है क्योंकि उसमे तेजी से जानकारी मिलती है ,सोचने का समय नहीं मिलता, किताबों से पढ़ने में ऐसी कोई समस्या नहीं है हम अपना समय लेकर पढ़ सकते हैं और सोचने का भी पर्याप्त वक्त मिलता है ,आज कई विद्यार्थी पढ़ लिखकर भी समझदारी नहीं दिखा पा रहें है तो इसका कारण भी दिख रहा है

विशेष नोट आज के माहौल में एक बड़ा तबका ऐसा है जिनकी पढाई अधूरे में ही छूट गयी है और ऐसा भी जो डिग्री लेकर बेरोजगारी से जूझ रहा है ,आज के बदले हुए माहौल में भाषा पर पकड़ बनाना सफलता के द्वार खोल सकता है ,ध्यान रखें अगर आपकी भाषा मजबूत है और किताबें पढ़ने का शौक है तो आप घर बैठे अनेक विषयों में महारत हासिल कर सकते हैं, आगे चल कर अपना मनपसंद कोर्स कर के, काम भी पा सकते हैं या अपना काम कर सकतें हैं । जिसकी पढाई छूट गयी हो या डिग्री लेकर भी फायदा नहीं मिला तो भाषा में ध्यान केंद्रित करना हो सकता है फायदेमंद 

कोर्स की किताब पढ़ने से हमें डिग्री या सर्टिफिकेट मिलती है, लेकिन बहुत सारे लोग इतने खुशनसीब नहीं होते हैं की उनकी पढाई पूरी हो ,बढ़ती हुई आबादी के वजह से डिग्री मिलने पर भी बहुत लोगों को मनचाहा काम भी नहीं मिल रहा ,इन दोनों ही सन्दर्भ में किताबें पढ़ने की आदत काम आती है । जब हम किताबों को सिर्फ अपने मनोरंजन और जानकारी बढ़ाने के लिए पढ़ते है तो उस वक्त हम पर किसी तरह का दबाव नहीं होता है ,एक ही तरह की पाठ्यक्रम की पुस्तकें पढ़ते हुए कई विद्यार्थियों का पढाई से मन ही ऊब जाता है, पर अपनी पसंद की किताबें पढ़ने से इन्हे पढ़ने का और मन करता है , अगर इन्हे निरंतरता से हम कुछ वर्ष पढ़ते हैं तो प्राकृतिक तौर से हमारी भाषा मजबूत बनती है व बहुत सारी बातें भी हमें पता चलती है ,यहां पर स्कूल की किताबों की तरह पढ़े हुए बातों को याद रखने की बाध्यता नहीं होती है ।आगे चलकर इन बातों का हम वक्त आने पर इस्तेमाल जरूर सकतें हैं , हमारा आत्मविश्वास जगाने में व उपाय बताने में  रीडिंग की आदत मददगार बनती है, विविध किताबें पढ़ने से अपरोक्ष रूप से कैसे फायदा मिलता है ?अगर मैं अपनी बात करूँ तो अंग्रेजी की काल्पनिक किताबें(फिक्शन ) व ”रीडर डाइजेस्ट” पढ़ने की वजह से कम उम्र में ही अपना काम शुरू कर पाया ,सफल व्यापारियों के जीवनियाँ पढ़ने से मुझे में व्यापार करने का जोश भर गया था , रीडर डाइजेस्ट किताब से विश्व में होने वाले घटनाओं ,दूसरे देशों की संस्कृति ,रहन सहन की जानकारी से कई बातों का पता चला जो अपने देश से भिन्न थी  ,अखबार पढ़ने से मुझे अपने देश की जरूरतें , व्यवस्था व इतिहास की जानकारी मिली , यह सब व्यापार शुरू करने में और उसे १० साल  चलाने में काम आया और उस वक्त मैं अपने कई सपनों को पूरा कर पाया ।अंग्रेजी को सर्वसामान्य के लिए, आसान बनाने में भी मुझे किताबों से मदद मिली ।

*अंग्रेजी को बिना रटें ,बिना घबराएं अब सीखना व बेहतर करना हो गया है आसान अधिक जानकारी के लिए पढ़े ”अंग्रेजी को कैसे आसान बनाएं” और ”अंग्रेजी सीखने की विधि”।*

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