कई विद्यार्थी स्कूल छोड़कर काम करने लगते है। उन्हें रीडिंग की आदत से होने वाले फायदे का पता ही नहीं होता है। कुछ ऐसे भी विद्यार्थी होते है जो बार-बार फ़ैल होने तथा पढाई मे कमजोर होने से, हीन भावना से ग्रसित हो जाते है ।
किताबें पढ़ने मे उनकी रूचि ख़त्म हो जाती है और आगे चलकर वे किताबों के नाम से दूर भागते है । वे नहीं जानते ,की बिना किसी दबाव के , किताबें पढ़ने का आनंद ही कुछ और है।
अगर वे इस आदत को उचित समय पर अपना ले, तो उन लोगों की सूचि मे शामिल हो सकते है, जिन्होंने स्कूल कॉलेज की शिक्षा पूरी नहीं की , पर अपने ज्ञान ,तजुर्बे के बल पर इतिहास रच दिया।
आज हम एडिसन , बेंजामिन फ्रेंक्लिन ,रविंद्र नाथ ठाकुर , तथा हजारों ऐतिहासिक व सफल लोगों की जीवनियां पढ़ते है , तो इसका एहसास भी होता है ।
” किताबों को तो गुरुओं का गुरु माना गया है। स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग, आज के युग के बेहद सफल कॉलेज ड्राप आउट है , जिन्होंने इतिहास रचा , अपनी मन पसंद राह चुनकर , उन्होंने उस पर मन केंद्रित किया, कठिनाइओं को चुनौती समझा और सफलता पायी ।